आज दिनांक 31.05.2010 को परिकल्पना ब्लोगोत्सव-2010 के अंतर्गत बीसवें दिन के कार्यक्रम का लिंक - ब्लोगोत्सव की आखिरी परिचर्चा : क्या आत्मा अ...
समान्तर मीडिया की दृष्टि से कितनी सार्थक है हिन्दी ब्लोगिंग .......
आज दिनांक 28.05.2010 को परिकल्पना ब्लोगोत्सव-2010 के अंतर्गत उन्नीसवें दिन के कार्यक्रम का लिंक - तीन दिवसीय प्रथम अन्तराष्ट्रीय हिंदी ब...
अंग्रेज तो हिन्दुस्तान को आज़ाद छोड़ कर चले गए, लेकिन अपने पीछे हिंदी भाषा को अंग्रेजी का गुलाम बना कर गए
आज दिनांक 26.05.2010 को परिकल्पना ब्लोगोत्सव-2010 के अंतर्गत अठारहवें दिन प्रकाशित पोस्ट का लिंक- एक सीमा तक करें शैतानियाँ, ना किसी का दि...
ब्लोगिंग को विचारों का साझा मंच बनाएं, गुणवत्ता का ध्यान रखें : देवमणि पाण्डेय
श्री देवमणि पाण्डेय का 4 जून 1958 को अवध की माटी में जन्म। ठेंठ सुल्तानपुरी। हिंदी और संस्कृत के सहज साधक। कवि तो हैं ही मंच संचालन के महार...
दिनांक २४.०५.२०१० को आयोजित कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण
आदरणीय मित्रों, स्थानीय स्तर पर उत्पन्न अपरिहार्य व्यवधान के फलस्वरूप ब्लोगोत्सव-२०१० के सत्रहवें दिन का कार्यक्रम अचानक स्थगित करना पडा, ज...
ब्लोगोत्सव-२०१० के अंतर्गत कार्यक्रम में अवरोध हेतु हमें खेद है
प्रिय मित्रों, ब्लोगोत्सव-२०१० के अंतर्गत दिनांक २१.०५.२०१० को होने वाले कार्यक्रम अचानक नेटवर्क में हुई गडबडियों के कारण स्थगित करना पड़ रह...
रावण का अंतरद्वंद : गगन शर्मा
आकाश मे अपने पूरे तेज के साथ भगवान भास्कर के उदय होते ही आर्यावर्त के दक्षिण में स्थित सुवर्णमयी लंका अपने पूरे वैभव और सौंदर्य के साथ जगमगा...
हिंदी के अनुकूल होती जा रही है आईटी की दुनिया : बालेन्दु शर्मा दाधीच
आज के कोई सात साल पहले भारतीय भाषाओं का एक महापोर्टल शुरू हुआ था, नाम था- नेटजाल.कॉम। वह हिंदी और अंग्रेजी सहित नौ भा षाओं में बनाया गया ...
हमें गर्व है हिंदी के इस प्रहरी पर
पिछले दिनों मैंने विदेशों में रहकर हिंदी के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले प्रमुख व्यक्तियों से आपका परिचय कराया . आज इस श...
इस कविता का एक-एक शब्द अनमोल है...!
मैंने हमेशा एक फकीरी ज़िन्दगी जी है, 'क्यूँ' मेरे शब्दकोष में कभी नहीं रहा......यह 'क्यूँ' बस दूर करता है. अमृता मेरी जिं...
हमें गर्व है हिंदी के इन प्रहरियों पर -2
विदेशों में बसे हिंदी सेवी की चर्चा के दौरान पिछले पोस्ट में आप सभी ने सुश्री पूर्णिमा वर्मन : संयुक्त अरब इमारात (यूएई) / श्री सुमन कुमार...
क्या इतना नेक होना संभव है ?
श्रमिक दिवस पर विशेष प्रस्तुति : क्या इतना नेक होना संभव है ? आज मजदूर दिवस है और इस दिवस डा0 कविता किरण मजदूरों की पीड़ा को रेखांकित...