प्रकृति के विविध रूपों की सचित्र प्रस्तुति प्रकृति के विविध रूपों की सचित्र प्रस्तुति

भारत ऋतुओं का देश है, जहां प्रकृति का वैविध्यपूर्ण सौंदर्य बिखरा पड़ा है। यही कारण है, कि फूलों का देश जापान को छोड़कर आने की दु: खद ...

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9:48 PM

बच्चे तो बच्चे, बाप रे बाप : रवीन्द्र प्रभात के हाइकु बच्चे तो बच्चे, बाप रे बाप : रवीन्द्र प्रभात के हाइकु

(एक) भागते बच्चे हवा से होड़ लेके बदहवास। (दो) रार ठानूंगा जाऊंगा शिखर पे मैं न मानूंगा । (तीन) उम्मीद रख समर को जीतके आन...

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11:54 PM

ब्लॉगोत्सव-२०१४, संस्कार ब्लॉगोत्सव-२०१४, संस्कार

भा रतीय संस्कृति में गर्भ धारण से लेकर मृत्यू प्रयन्त 16 संस्कारों की अवधारणा पायी जाती है। इन सभी संस्कारों का आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक ...

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2:22 AM

प्रीति-नेस विवाद, ​बबूल के पेड़ पर आम........!!  प्रीति-नेस विवाद, ​बबूल के पेड़ पर आम........!!

फि ल्मों की दीवानगी के दौर में कई साल पहले एक बार प्रख्यात गायिका लता मंगेशकर मेरे जिला मुख्यालय में कार्यक्रम देने आई, तो मेरे शहर के...

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10:35 PM

ब्लॉगोत्सव-२०१४ में तृतीय दिवस की प्रस्तुति ब्लॉगोत्सव-२०१४ में तृतीय दिवस की प्रस्तुति

ब्लॉगोत्सव-२०१४ में  तृतीय दिवस का कार्यक्रम    दिनांक: 04.06.2014  सुबह 10.00 बजे: अली सैय्यद और उनकी उम्मतें  (ब्लॉग: परिक...

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10:04 PM

ब्लॉगोत्सव-२०१४, द्वितीय दिवस: अज़ब-गजब अविस्कार ब्लॉगोत्सव-२०१४, द्वितीय दिवस: अज़ब-गजब अविस्कार

स्वागत है आप सभी का ब्लॉगोत्सव-२०१४ के प्रथम दिवस के अज़ब-गजब कार्यक्रम में मानव के आविष्कारों के इतिहास में बहुत सारे आविष्कार देखने क...

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11:00 PM

ब्लॉगोत्सव-२०१४, प्रथम दिवस: अज़ब-गजब वर्ल्ड रिकॉर्ड ब्लॉगोत्सव-२०१४, प्रथम दिवस: अज़ब-गजब वर्ल्ड रिकॉर्ड

स्वागत है आप सभी का ब्लॉगोत्सव-२०१४ के प्रथम दिवस के अज़ब-गजब कार्यक्रम में दुनिया अनोखी जगह है क्योंकि यह इन्सानों से भरी है। और उन इ...

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10:45 PM

हमारे स्वयं के हित में है जल व अन्य संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग हमारे स्वयं के हित में है जल व अन्य संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग

     कुछ दिन पहले एक विवाहोत्सव में जाना हुआ। भव्य आयोजन था। खाना शुरू करने से पहले हाथ धोने के लिए पानी की तलाश की लेकिन कहीं पर भी प...

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12:02 AM

वक्त की ’आंधी’ में गुम हो गईं सुचित्रा सेन वक्त की ’आंधी’ में गुम हो गईं सुचित्रा सेन

स्मृति शेष (मृत्यु 17 जनवरी )        फि ल्मों की दुनिया बड़ी  निराली होती है। ग्लैमर, चकाचैंध और शोहरत से भरपूर। नायक-नायिका जब परदे प...

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11:26 PM

दलित समाज की व्यथा दलित समाज की व्यथा

अभी हाल ही में मेरा एक  उपन्यास आया है  ताकि बचा रहे लोकतंत्र  जिसकी यत्र -तत्र-सर्वत्र  चर्चा हो रही है  इसी चर्चा के क्रम में  आज दैनिक जन...

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8:27 PM
 
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