बच्चे तो बच्चे, बाप रे बाप : रवीन्द्र प्रभात के हाइकु
(एक) भागते बच्चे हवा से होड़ लेके बदहवास। (दो) रार ठानूंगा जाऊंगा शिखर पे मैं न मानूंगा । (तीन) उम्मीद रख समर को जीतके आन...
(एक) भागते बच्चे हवा से होड़ लेके बदहवास। (दो) रार ठानूंगा जाऊंगा शिखर पे मैं न मानूंगा । (तीन) उम्मीद रख समर को जीतके आन...