ये अक्रियावाद क्या है ?ये अक्रियावाद क्या है ?

आज हम बात करने जा रहे हैं "अ " वर्णानुक्रम के अर्न्तगत आने वाले एक ऐसे शब्द के बारे में जो साधारणतया देखने और सुनने में सहज प्रतीत होता है मगर जब इस शब्द की गहराई में जायेंगे तो व्यापक अर्थ का बोध होगा , यह शब्द है -अक्रियावाद - (संस्कृत शब्द, अर्थात् कर्मो के प्रभाव को नकारने वाला सिद्धांत), पालि म…

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21Aug2009

अग्नि : भारतीय परंपरा की महत्वपूर्ण अवधारणाअग्नि : भारतीय परंपरा की महत्वपूर्ण अवधारणा

अग्नि हिन्दी में तत्सम के रूप में प्रयुक्त होने वाला शब्द है , जिसका अर्थ होता है आग । यह एक मूलभूत पदार्थ और भारतीय परम्परा की एक महत्वपूर्ण अवधारणा है । ऋग्वेद का आरंभ एक श्लोक से होता है , जिसमें अग्नि का आह्वान किया गया है । अग्नि सभी प्रकार की उर्जाओं का प्रतिनिधित्व करती है। पौराणिक कथाओं में…

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22Jul2009

जहाँ समाप्ति की नियति है वहां हर कर्म क्षणिक और अपने लिए गढा गया हर अभिप्राय भ्रम होता है .जहाँ समाप्ति की नियति है वहां हर कर्म क्षणिक और अपने लिए गढा गया हर अभिप्राय भ्रम होता है .

आज से हम शुरू कर रहे हैं अनमोल शब्दों की प्रासंगिकता सहित प्रस्तुति । हिंदू धर्म का अन्तिम संस्कार है अंत्येष्टि , जबकि हिन्दी शब्दकोष में यह पहले आता है इसलिए हम अंत्येष्टि से शब्दों की इस श्रंखला की शुरुआत कर रहे हैं । कहा भी गया है की जीवन की बात मृत्यु से शुरू की जानी चाहिए , जहाँ समाप्ति की नि…

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16Jul2009

अनमोल शब्दों की सार्थक प्रस्तुतिअनमोल शब्दों की सार्थक प्रस्तुति

यह ब्लॉग अभी प्रक्रिया में है ......भारतीय सनातन संस्कृति से जुड़े हिंदी के दुर्लभ-विस्मयकारी और महत्वपूर्ण शब्दों की व्याख्या, शब्दों की उत्पति तथा उन शब्दों से जुडी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियाँ इसमें समाहित की जायेंगी .....यानि अनमोल शब्दों की प्रासंगिकता सहित प्रस्तुति .......इस सन्दर्भ में आपकी टि…

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30Jun2009
 
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